6. पोंगल (ICSE 4th Class) Hindi Notes
6. पोंगल
जो त्योहार जिस नाम से जिस राज्य में मनाए जाते हैं, उनका मिलान करो-
- ओणम पंजाब (केरल)
- बिहू तमिलनाडु (असाम)
- पोंगल केरल (तमिलनाडु)
- लोहड़ी असाम (पंजाब)
1. पाठ के आधार पर वाक्यों को ठीक करके लिखो
क. घरों की पोंगल से की जाती है पहले साफ़-सफ़ाई।
Ans: पोंगल से पहले घरी की साफ सफाई की जाती है।
ख. भोगी पोंगल हैं, कहते को पहले पोंगल।
Ans: पहले पोंगल को भोगी पोंगल कहते हैं।
ग. अपनी भाई को बहनों देते हैं उपहार।
Ans: भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।
2. सही शब्द से वाक्य पूरे करो-
क. पोंगल..........महीने में मनाया जाता है।
(फरवरी, मई, जनवरी)
ख. यह त्योहार ..........की फसल कटने पर मनाया जाता है।
(अरहर, धान, गेहूँ)
ग. यह पर्व ......... दिन तक चलता है।
(चार, छह, नौ)
घ. मट्टू पोंगल के दिन .........की पूजा होती है।
(मुरगों, बैलों, साँडों)
3. 'का', 'की', तथा 'के' शब्द अपने से आगे आने वाले शब्द के साथ संबंध बताते हैं। 'का' पुल्लिंग के साथ, 'की' स्त्रीलिंग के साथ तथा 'के' बहुवचन के साथ आता है।
सही शब्द भरो (का, की, के)
1) पोंगल......त्योहार (का)
2) सूर्य.........प्रसाद (का)
3) धान .......फसल (की)
4) ऋतुओं........राजा (का)
5) बैलों........ सींग (के)
6) घरों..........सफ़ाई (की)
1. उचित विकल्प पर सही का निशान लगाओ-
क. पोंगल का क्या अर्थ होता है?
- अच्छी तरह ठंडा करना
- अच्छी तरह उबालना
- अच्छी तरह भिगोना
ख. पोंगल किस भाषा का शब्द है?
- पंजाबी
- गुजराती
- तमिल
- आम और केले
- नारियल और पीपल
- आम और नारियल
क) पोंगल किस प्रांत का सबसे लोकप्रिय त्योहार है ?
Ans: पोंगल तमिळनाडू का सबसे लोकप्रिय त्योहार है।
ख) पोंगर का त्योहार क्यो मनाया जाता है?
Ans: किसान धान की फसल घर लाने की खुशी में पोंगल का त्योहार मनातें हैं।
ग) भोगी पोंगल पर पुरानी वस्तुओं को जलाना क्या दर्शाता है ?
Ans: भोगी पोंगल पर पुरानी वस्तुओं को जलाना बुराई का अन्त तथा इश्वर के प्रति सन्मान को दर्शाता है।
लिखित
चारों दिन के पोंगल का नाम बताइए
Ans:
चार दिन के पोंगल का नाम -
1) भोगी पोंगल
2) कन्या पोंगल
3) सुर्य पोंगल
4) मट्टू पोंगल
क) तमिल में ढोल को क्या कहते हैं ? इसका क्या महत्व है?
Ans: तमिल में ढोल को 'बोगी कोट्टू' कहते है। भोगी पोंगल के दिन यह ढोल भगवान इन्द्र को समर्पित कीया जाता है।
ग) सूर्य पोंगल किस प्रकार मनाया जाना है ?
Ans: इस दिन पोंगल नामक एक विशेष प्रकार की खीर बनाई जाती है, जो मिट्टी के बर्तन में नए धान से तैयार चावल, मूंग दाल और गुड़ से बनती है। पोंगल तैयार होने के बाद सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। उन्हें प्रसाद रूप में यह पोंगल व गन्ना अर्पण किया जाता है और अच्छी फसल देने के लिए कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
चार दिन के पोंगल का नाम -
1) भोगी पोंगल
2) कन्या पोंगल
3) सुर्य पोंगल
4) मट्टू पोंगल
क) तमिल में ढोल को क्या कहते हैं ? इसका क्या महत्व है?
Ans: तमिल में ढोल को 'बोगी कोट्टू' कहते है। भोगी पोंगल के दिन यह ढोल भगवान इन्द्र को समर्पित कीया जाता है।
ग) सूर्य पोंगल किस प्रकार मनाया जाना है ?
Ans: इस दिन पोंगल नामक एक विशेष प्रकार की खीर बनाई जाती है, जो मिट्टी के बर्तन में नए धान से तैयार चावल, मूंग दाल और गुड़ से बनती है। पोंगल तैयार होने के बाद सूर्य देव की विशेष पूजा की जाती है। उन्हें प्रसाद रूप में यह पोंगल व गन्ना अर्पण किया जाता है और अच्छी फसल देने के लिए कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
घ) मट्टू पोंगल के विषय में कौन सी मान्यता प्रसिदूध है?
Ans: तमिल मान्यताओं के अनुसार मट्टू भगवान शंकर का बैल है, जिसे एक भूल के कारण भगवान शंकर ने पृथ्वी पर रहकर मानव के लिए अन्न पैदा करने को कहा और तब से वह पृथ्वी पर रहकर कृषि कार्य में मानव की सहायता कर रहा है।
ङ) कन्या पोंगल की विशेषताएँ बताइए।
Ans: इस दिन घरों को सजाया जाता है। आम और नारियल के पत्तों से दरवाजों पर तोरण बनाया जाता है। नये वस्त्र पहनते है, प्रतियोगिताएं रखते है एक दूसरो को पोंगल देकर नववर्ष की बधाई देते हैं। रात्रि के समय लोग सामूहिक, भोज का आयोजन करते हैं।
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